U.P. Judicial Civil Judge (Junior Division) Examination-2015
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
विज्ञापन संख्या : ए–3/ई–1/2015
दिनांक : 21-07-2015
उ0प्र0 न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा-2015
परीक्षा शुल्क बैंक में जमा करने की अन्तिम तिथि :- 17-08-2015
आवेदन स्वीकार (Submit) किये जाने की अन्तिम तिथि :- 21-08-2015
आनलाइन आवेदन हेतु अभ्यर्थियों को निर्धारित कालम में अपना मोबाइल नं0 देना होगा जिसके बिना उनका Basic Registration पूरा नहीं होगा। इसी मोबाइल नं0 पर आयोग द्वारा भविष्य में सभी सूचनाएं/निर्देश/OTP (One Time Password) एस एम एस द्वारा दिए जायेंगे।
आन लाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक सूचना
यह विज्ञापन आयोग की Website http://uppsc.up.nic.in पर भी उपलब्ध है। इस विज्ञापन में आवेदन करने हेतु `आन-लाइन` आवेदन पद्धति (ON-LINE APPLICATION SYSTEM) लागू है। अन्य किसी माध्यम से प्रेषित आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे। अतएव अभ्यर्थी आन-लाइन आवेदन ही करें।
आवेदन शुल्क : आन लाइन आवेदन के 'Candidate Registration' का प्रारूप भरने पर ई-चालान का प्रिन्ट आउट अभ्यर्थी प्राप्त करेंगे, जिसमें दो प्रतियाँ होंगी। उक्त ई-चालान के माध्यम से ही अभ्यर्थी भारतीय स्टेट बैंक अथवा पंजाब नेशनल बैंक, जिसका ई-चालान अभ्यर्थी ने प्रिन्ट किया है, की किसी शाखा में अपनी श्रेणी के अनुसार शुल्क जमा करेंगे। E-Challan/I-collect के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम से जमा शुल्क स्वीकार नहीं होगा। प्रारम्भिक परीक्षा हेतु श्रेणीवार निर्धारित शुल्क निम्नानुसार हैं:-
1- अनारक्षित (सामान्य) परीक्षा शुल्क रू0 100/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/- योग = रू0 125/-
2- अन्य पिछड़ा वर्ग परीक्षा शुल्क रू0 100/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/- योग = रू0 125/-
3- अनुसूचित जाति परीक्षा शुल्क रू0 40/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/- योग = रू0 65/-
4- अनुसूचित जनजाति परीक्षा शुल्क रू0 40/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/- योग = रू0 65/-
5- विकलांग श्रेणी परीक्षा शुल्क NIL + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/- योग = रू0 25/-
रिक्तियाँ : रिक्तियों की संख्या 197 है। पद अस्थाई परन्तु चलते रहने की संभावना है।
ऊर्ध्वाधर
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क्षैतिज
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सामान्य वर्ग 99
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स्वतंत्रता संग्राम
सेनानी के आश्रित 04
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ओ0बी0सी0 53
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महिला 39
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अनु0जाति 41
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अनु0जनजाति 04
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वेतनमान: रू0 27700-770-35090-920-40450-1080-44770
9. शैक्षिक अर्हता: (क) आवेदन पत्र प्राप्त होने की अन्तिम तिथि तक उ0प्र0 में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से या राज्यपाल द्वारा इस प्रयोजन के लिए मान्यता प्राप्त भारत के किसी अन्य विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक उपाधि होना आवश्यक है, अथवा (ख) अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के उपबन्धों के अधीन नामांकित कोई अधिवक्ता या इंग्लैण्ड या नार्दर्न आयरलैंड का कोई बैरिस्टर या स्काटलैंड में अधिवक्ताओं के संकाय का कोई सदस्य और न्यायालय या उसके अधीनस्थ न्यायालय में व्यवसाय करने का हकदार होना आवश्यक है। (ग) देवनागरी लिपि में हिन्दी का अच्छा ज्ञान आवश्यक है।
10. आयु सीमा:-(1) अभ्यर्थियों को 01 जुलाई, 2016 को 22 वर्ष की आयु अवश्य पूरी करनी चाहिए और उन्हें 35 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए अर्थात् उनका जन्म 02 जुलाई, 1981 से पूर्व तथा 01 जुलाई, 1994 के बाद का नहीं होना चाहिए। उ0प्र0 के अनुसूचित जाति, उ0प्र0 के अनुसूचित जन जाति, उ0प्र0 के अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में पाँच वर्श की छूट अनुमन्य होगी। उ0प्र0 के भूतपूर्व सैनिकों/आपात कमीशन प्राप्त अधिकारियों/अल्प-कमीशन प्राप्त अधिकारियों के लिए जिन्होंने सेना में 05 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो, को भी अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट अनुमन्य होगी परन्तु आरक्षण देय नहीं होगा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों को उच्च आयु सीमा में कोई छूट अनुमन्य नहीं है। उ0प्र0 के कुशल खिलाड़ियों के लिए अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट अनुमन्य होगी अर्थात उनका जन्म 2 जुलाई, 1976 से पूर्व नहीं होना चाहिए परन्तु विकलांग अभ्यर्थियों के लिए शासनादेश दिनांक 03-02-2008 के अनुसार 15 वर्ष शिथिलनीय होगी अर्थात उनका जन्म 02.07.1966 से पूर्व नहीं होना चाहिए। परन्तु यह और कि जो अभ्यर्थी परीक्षा वर्श 2014 की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आयु में पात्र थे, उन्हें प्र नगत परीक्षा में सम्मिलित होने का पात्र समझा जायेगा जैसा कि उ0प्र0 न्यायिक सेवा (सं ाोधन) नियमावली-2003 में प्राविधानित है। परीक्षा में सम्मिलित होने के अवसरों की संख्या अधिकतम चार है।
मा0 उच्च न्यायालय ने उ0प्र0 शासन द्वारा जारी उ0प्र0 आयु सीमा नियमावली (दसवां संशोधन) 2012 के अन्तर्गत उच्च आयु सीमा 35 से 40 वर्ष अंगीकार नहीं किया है।
उ0प्र0 न्यायिक
सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मुख्य परीक्षा (लिखित परीक्षा) का
पाठ्यक्रम
प्रश्न पत्र संख्या-1 सामान्य ज्ञान अंक-200
इस प्रश्न पत्र में
भारत का इतिहास और भारतीय संस्कृति, भारत का भूगोल, भारतीय राजनीति, वर्तमान राष्ट्रीय मामले और सामाजिक सुसंगति के विषय
भारत और विश्व भारतीय अर्थशास्त्र, अन्तर्राष्ट्रीय मामले और संस्थाएं और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संचार एवं अंतरिक्ष
के क्षेत्र में विकास पर आधारित प्रश्न सम्मिलित हो सकते हैं। इस प्रश्न पत्र में प्रश्नों
की प्रकृति और स्तर ऐसा होगा कि एक सुशिक्षित व्यक्ति बिना किसी विशिष्ट अध्ययन के
उनके उत्तर दे सकने में सक्षम होगा।
प्रश्न पत्र संख्या-2 भाषा:
यह प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा। इसमें
नीचे विनिर्दिष्ट प्रकार से चार प्रश्न समाविष्ट होंगे।
(1) अंग्रेजी
में लिखित एक निबन्ध 60
अंक
(2) अंग्रेजी
में सार लेखन 60
अंक
(3) हिन्दी से
अंग्रेजी में परिच्छेद का अनुवाद 40 अंक
(4) अंग्रेजी
से हिन्दी में परिच्छेद का अनुवाद 40 अंक
प्रश्न पत्र संख्या-3 विधि-1 (मौलिक विधि)
यह प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा। दिये गये प्रश्न निम्नलिखित द्वारा आच्छादित
क्षेत्र तक की सीमित होंगे:-
संविदा विधि, साझेदारी विधि, सुविधा अधिकार और अपकृत्यों सम्बन्धी विधि सम्पत्ति के
अंतरण से संबंधित विधि जिसमें विशेषकर उस पर लागू साम्या के सिद्धान्त सम्मिलित होंगे।
न्याय एवं विनिर्दिष्ट अनुतोष का विधि के विशेष संदर्भ में साम्या के सिद्धान्त, हिन्दू विधि और मुस्लिम
विधि और संवैधानिक विधि।
50 अंकों के प्रश्न केवल संवैधानिक विधि के
सम्बन्ध में होंगे।
प्रश्न पत्र संख्या-4 विधि-2 (प्रक्रिया
एवं साक्ष्य)
यह प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा। दिये
गये प्रश्न निम्नलिखित द्वारा आच्छादित क्षेत्र तक ही सीमित होंगे:-
साक्ष्य विधि, दण्ड प्रक्रिया-संहिता
और अभिवचन के सिद्धान्तों को सम्मिलित करते हुए सिविल प्रक्रिया संहिता दिये गये प्रश्न
मुख्यतया व्यावहारिक मामलों से सम्बन्धित होंगे, जैसे कि सामान्यत: आरोपों और वाद-बिन्दुओं
की विरचना, गवाहों के
साक्ष्यों के साथ व्यवहार की विधियां, निर्णयों का लेखन और वादों का संचालन, किन्तु उन्हीं तक
सीमित नहीं होंगे।
प्रश्न पत्र संख्या-5 विधि-3 (दाण्डिक, राजस्व और
स्थानीय विधियाँ)
यह प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा दिये
गये प्रश्न निम्नलिखित द्वारा आच्छादित क्षेत्र तक सीमित होंगे:-
भारतीय दंड संहिता, उत्तर प्रदेश जमींदारी-विनाश
और भूमि व्यवस्था अधिनियम,
1951, उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराये पर देने, किराये पर बेदखली का विनियमन) अधिनियम, 1972, उत्तर प्रदेश नगर
पालिका अधिनियम, संयुक्त
प्रान्त पंचायत राज अधिनियम,
उत्तर प्रदेश जोत चकबन्दी अधिनियम 1953, उत्तर प्रदेश नगर (योजना और विकास)
अधिनियम, 1973 उक्त अधिनियमों
के अधीन बनाये गये नियमों के साथ।
स्थानीय विधियों
के प्रश्नों के उत्तर अनिवार्य होंगे। दाण्डिक विधियों से सम्बन्धित प्रश्न 50 अंकों के होंगे।
जबकि राजस्व और स्थानीय विधियों के प्रश्न 150 अंकों के होंगे।
6.
साक्षात्कार:-
साक्षात्कार 100 अंकों का होगा
उत्तर प्रदेश न्यायिक
सेवा में नियोजन के लिए अभ्यर्थी की उपयुक्तता का परीक्षण, उसकी क्षमता, चरित्र, व्यक्तित्व और शारीरिक
सौष्ठव पर सम्यक, ध्यान देते
हुए उसकी श्रेष्ठता के संदर्भ में किया जायेगा।
स्पष्टीकरण-अभ्यर्थी के लिए सामान्य
ज्ञान और विधि प्रश्न पत्रों के उत्तर हिन्दी या अंग्रेजी में देने का विकल्प होगा।
टिप्पणी-(1) साक्षात्कार में प्राप्त किये गये अंकों को लिखित प्रश्न पत्रों
में प्राप्त किये गये अंकों में जोड़ा जायेगा और अभ्यर्थी का स्थान दोनों के कुल योग
पर निर्भर करेगा।
(2) किसी अभ्यर्थी को
साक्षात्कार के लिए बुलाने से इन्कार करने का अधिकार आयोग को है जिसने विधि प्रश्न
पत्रों में इतने अंक प्राप्त न किये हों, जो उसके द्वारा ऐसे इंकार को न्यायोचित ठहरायें। Apply Online
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